टेनिस से लेकर फुटबॉल तक में चैंपियन, यूपी से दोगुना बड़ा स्पेन इतना आगे कैसे

2024-07-16 11:13:01

Spain Eenjoys Double Delight: रविवार का दिन स्पेनिश खेल के इतिहास में एक गौरवशाली दिन था. पहले दिन में, कार्लोस अल्काराज ने सेंटर कोर्ट पर फाइनल में नोवाक जोकोविच को सीधे सेटों में हराकर अपना लगातार दूसरा विंबलडन खिताब जीता. जिसके बाद रात में पुरुषों की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम ने यूरो 2024 फाइनल में इंग्लैंड को 2-1 से हराया. स्पेन के राजा फिलिप VI और उनकी बेटी इन्फेंटा सोफिया स्पेनिश टीम के साथ ट्रॉफी पकड़कर मैदान पर जश्न में शामिल हुए. देश की रिकॉर्ड-तोड़ चौथी यूरोपीय चैंपियनशिप का जश्न मनाने के लिए स्पेनिश राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के कई दिग्गज भी उपस्थित थे. स्पेनिश प्रेस ने अपने खेल नायकों की सफलता का जश्न मनाया. अखबार ‘स्पोर्ट’ ने पहले पन्ने पर शीर्षक ‘सुपर चैंपियंस!’ के साथ अल्काराज और राष्ट्रीय फुटबॉल टीम की तस्वीर छापी. अखबार ने लिखा, ”सोमवार स्पेन में उत्सव और उत्साह का दिन है.”

स्पेन की टीम ने यूरोपीय फुटबॉल में 12 साल के बाद फिर अपनी बादशाहत साबित की. उसने रविवार रात खेले गए रोमांचक फाइनल में इंग्लैंड को 2-1 से हराकर रिकॉर्ड चौथी बार यूरो कप खिताब पर कब्जा किया. स्पेन ने इससे पहले 1964, 2008 और 2012 में यूरो खिताब जीता था. इस यूरो में स्पेन ने सातों मैच जीते और एक टूर्नामेंट में सर्वाधिक 15 गोल करने का रिकॉर्ड बनाया. वहीं,  21 साल के कार्लोस अल्काराज ने एक फिर दिखा दिया कि क्यों उन्हें महारथी कहा जा रहा है. अल्काराज ने ग्रैंड स्लैम के फाइनल में सौ प्रतिशत जीत का रिकॉर्ड बरकरार रखा. वह ओपन युग (1968 के बाद) में अपने शुरुआती चार ग्रैंड स्लैम फाइनल जीतने वाले दूसरे खिलाड़ी हैं. अल्काराज ओपन युग के ऐसे छठे खिलाड़ी बन गए, जिन्होंने एक सत्र में फ्रेंच ओपन और विंबलडन की ट्रॉफी जीती.

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फुटबॉल है वहां सबसे लोकप्रिय खेल
फुटबॉल स्पेन का मुख्य खेल है. एक आकलन के अनुसार देश की 70 फीसदी आबादी इस खेल में दिलचस्पी रखती है. जिसकी वजह से स्पेन दुनिया का सातवां सबसे अधिक फुटबॉलप्रेमी देश बना हुआ है. फुटबॉल में स्पेन को मिली सफलता की वजह इस खेल न केवल युवाओं की उच्च भागीदारी है, बल्कि प्र्सिद्ध क्लबों की अकादमियों के कोचों ने भी इस खेल को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है. उत्तरी यूरोप के अन्य देशों की तुलना में स्पेन की फेडरल सरकार का खेल प्रशासन पर अधिक प्रभाव है.   

दुनिया के कई बड़े क्लब स्पेन में
स्पेन में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ क्लबों में से कुछ चुनिंदा क्लब मौजूद हैं. स्पेन की फुटबॉल लीग ला लीगा का शुमार दुनिया की कुछ बड़ी लीगों में होता है. स्पेन में रियल मैड्रिड, एफसी बार्सिलोना फुटबॉल क्लब, एटलेटिको मैड्रिड, एथलेटिक क्लब बिलबाओ, रियल बेटिस,  रियल सोसिदाद, ओसासुना, वालेंसिया सीएफ, विलारियल फुटबॉल क्लब और सेविला जेैसे मशहूर क्लब है. इस दौर के महान खिलाड़ियों में शुमार लियोनल मेसी साल 2004 से 2021 तक एफसी बार्सिलोना से खेलते रहे. जबकि दूसरे महान फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने 2008 से 2019 तक रियल मैड्रिड का प्रतिनिधित्व किया. यहां के क्लबों के पास इतना पैसा है कि दुनिया के ज्यादातर बड़े खिलाड़ी यहां खेलने को लालायित रहते है. इनके साथ खेलने से स्थानीय खिलाड़ियों का स्तर भी बढ़ता है. 

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राफेल नडाल हैं टेनिस आइकन
राफेल नडाल को टेनिस में अब तक का सबसे महान स्पेनिश खिलाड़ी माना जाता है. उन्होंने 22 ग्रैंड स्लैम सिंगल्स खिताब जीते हैं, जो टेनिस इतिहास में दूसरे ज्यादा खिताब हैं. उनसे आगे सिर्फ नोवाक जोकोविच हैं, जिन्होंने 24 खिताब जीते हैं. नडाल से पहले, ओपन युग में स्पेन की सबसे बड़ी खिलाड़ी अरांता सांचेज़ विकारियो थीं, जिन्होंने चार स्लैम जीते थे और दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी रही थीं. इसके अलावा अलग-अलग मौकों पर मैनुअल ओरांटेस, मैनुअल सैंटाना, कार्लोस मोया, सर्जेई ब्रुगेरा, जुआन कार्लोस फेरेरो, कोंचिता मार्टिनेज, गारबाइन मुगुरुजा और अल्बर्टो कोस्टा रहे हैं.  अब कार्लोस अल्काराज नडाल की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं.

बैडमिंटन में मारिन ने रचा इतिहास
स्पेन की बैडमिंटन खिलाड़ी कैरोलिना मारिया मारिन मार्टिन ओलंपिक चैंपियन, तीन बार विश्व चैंपियन और आठ बार की यूरोपीय चैंपियन हैं. वह बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (बीडब्ल्यूएफ) की रैंकिंग में कुल 66 सप्ताह तक महिला सिंगल्स में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी रहीं. मारिन तीन बार 2014, 2015 और 2018 में विश्व चैंपियन बनीं. उन्होंने 2016 रियो ओलंपिक में महिला सिंगल्स का स्वर्ण पदक अपने नाम किया था. वह ओलंपिक में बैडमिंटन स्वर्ण पदक जीतने वाली एकमात्र गैर-एशियाई महिला खिलाड़ी हैं. 

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स्पेन की हॉकी टीम भी कम नहीं
स्पेन की हॉकी टीम का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन बेहतरीन रहता आया है. स्पेन की हॉकी टीम ओलंपिक में तीन बार खिताब के करीब पहुंची, लेकिन उसे खिताब न जीत पाने की मायूसी उठानी पड़ी. 1980, 1996 और 2008 में स्पेन की टीम ओलंपिक रजत जीतने में सफल रही है. 1960 रोम ओलंपिक में उसे कांसे से संतोष करना पड़ा था. 1971 में पहले संस्करण के बाद से स्पेन ने हर विश्व कप में भाग लिया है. उसने विश्व कप में दो बार 1971 और 1998 में रजत जबकि 2006 में कांस्य पदक जीता था. उसने दो बार यूरो हॉकी नेशंस चैंपियनशिप जीती है. जबकि चैंपियंस ट्रॉफी में भी उसकी सफलता का सिलसिला लंबा चलता रहा है. उसने 2004 में  चैंपियंस ट्रॉफी में स्वर्ण जीता, जबकि दो बार रजत (2008, 2011) और तीन बार कांस्य (1997, 2005, 2006) जीतने में सफल रही.

ओलंपिक में जीते हैं 174 पदक
स्पेन ने पहली बार 1900 में ओलंपिक खेलों में भाग लिया था. 1920 के बाद से ज्यादातर ओलंपिक खेलों में उसने अपने एथलीटों को भेजा है.स्पेन ने 1936 और 1956 के ओलंपिक में भाग नहीं लिया था. स्पेन ने 1936 से हर शीतकालीन ओलंपिक खेलों में भी भाग लिया है. स्पेन के एथलीटों ने 33 विभिन्न खेलों में कुल 174 पदक जीते हैं और वो ओलंपिक पदकों की संख्या में 25वें स्थान पर है. उसने सबसे ज्यादा पदक नौकायन में जीते हैं. वह एक बार 1992 में ओलंपिक खेलों की मेजबानी भी कर चुका है.

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भारत से क्यों आगे स्पेन
स्पेन का क्षेत्रफल 504,782 वर्ग किमी है. इस लिहाज से वो भारत के एक प्रमुख राज्य उत्तर प्रदेश से केवल दोगुना बड़ा है. उसकी आबादी केवल साढ़े चार करोड़ है, जबकि यूपी की आबादी ही 23 करोड़ से ज्यादा है. स्पेन में प्रति व्यक्ति आय 26 हजार डॉलर है, जबकि भारत में यह महज 2.14 लाख रुपये है. यानी उसके सामने कहीं नहीं टिकते. मानव विकास सूचकांक में स्पेन का नंबर 21वां है, जबकि भारत का 193 देशों के बीच 134वें स्थान पर है.  

ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन
भारतीय हॉकी टीम की ओलंपिक खेलों में कभी तूती बोलती थी. सबसे ज्यादा आठ ओलंपिक स्वर्ण पदक भी हमें हॉकी ने दिलाए हैं. भारत ने पहला व्यक्तिगत पदक 1952 हेलसिंकी ओलंपिक (कशाबा जाधव, कांस्य) में जीता था, लेकिन इसके बाद लंबे समय तक सूखा रहा. फिर भारत ने 1996 में व्यक्तिगत पदक जीतना शुरू किया, जब लिएंडर पेस ने टेनिस में कांसा दिलाया. 2004 तक हम केवल एक-एक मेडल लेकर लौटते रहे. 2008 में अभिनव बिंद्रा ने निशानेबाजी में पहला व्यक्तिगत  गोल्ड मेडल दिलाया. उस साल भारत चार पदक लेकर लौटे. 2012 लंदन ओलंपिक में भारत ने छह पदक जीते. लेकिन 2016 रियो ओलंपिक में भारत केवल तीन पदक ही जीत सका. 2021 टोक्यो ओलंपिक में जरूर हमने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और नीरज चोपड़ा के गोल्ड सहित सात पदक झोली में डाले. 

फुटबॉल में भारत दुनिया में 124वें नंबर पर
दुनिया के सबसे मशहूर खेल में हमारी कोई बिसात नहीं है. फीफा विश्व रैंकिंग में हमारी फुटबॉल टीम 124वें नंबर पर है. हमसे आगे तो सिएरा लियोन (122) और एस्टोनिया हैं. ये दोनों बेहद छोटे देश हैं. आकार हो या अर्थव्यवस्था ये हमारे सामने कहीं नहीं टिकते. फीफा विश्व रैंकिंग में इक्वोटोरियल गिनी, बेनिन और हैती जैसे पिद्दी देश भी हमसे आगे हैं. भारतीय टीम  फीफा विश्व कप में नहीं खेली है.     

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