कंधे पर बंदूक और 9 गोलियों से छलनी शरीर, होश खोया लेकिन जोश नहीं…

2024-05-20 17:25:15

मुंबई. साल 1965 में भारत-पाकिस्तान की जंग चल रही है. एक 21 साल का जांबाज सिपाही अपने हाथ में बंदूक लिए दुश्मनों पर टूट पड़ा है. जवाबी फायर में सिपाही को 9 गोली लगती है और धरा पर गिर पड़ता है. 9 गोलियों से छलनी पड़ा सैनिक का ये बदल होश खो देता है, लेकिन जोश बरकरार रहता है. उसे अस्पताल में भर्ती किया जाता है और ये योद्धा काल को ठेंगा दिखाकर उठ खड़ा होता है.

याद्दाश्त खोना और फिर होश में आने के बीच केवल जोश का पुल मिलता है. इसी जंग में सिपाही हाथ-पांव खो देता है, लेकिन जोश जिंदा रहता है. 1 दिन यही जोश भारत को अंतररार्ष्ट्री प्रतिस्पर्धा में तैराकी का गोल्ड जीतता है और राष्ट्रगान की धुन को मेहनत का फल समझकर खुश हो जाता है.

मुरलीकांत पाटेकर की जिंदगी पर बनी है कहानी

अब इसी सैनिक की जिंदगी की असली कहानी ‘कार्तिक आर्यन’ (Kartik Aaryan) पर्दे पर लेकर आ रहे हैं. कार्तिक आर्यन के अब तक के करियर की सबसे बड़ी फिल्म ‘चंदू चैंपियन’ (Chandu Champion) 14 जून को रिलीज हो रही है. ये कहानी ‘मुरलीकांत पाटेकर’ (murlikant petkar) की असल जिंदगी की कहानी पर बनी है.

कार्तिक आर्यन को भी 2 साल से हिट फिल्म का इंतजार है. कार्तिक की 20 मई 2022 को रिलीज हुई फिल्म ‘भूल भुलैया’ (Bhool Bhulaiyaa 2) ब्लॉकबस्टर रही थी. फिल्म ने 200 करोड़ रुपयों से ज्यादा की कमाई की थी. इसके बाद से ‘फ्रेडी’ ‘शहजादा’ और ‘सत्यप्रेम की कथा’ कोई खास कमाल नहीं दिखा पाईं. अब डायरेक्टर ‘कबीर खान’ (Kabir khan) के साथ आ रही इस फिल्म के रिलीज का कार्तिक को बेसब्री से इंतजार है.

डायरेक्टर कबीर खान का भी दिखेगा जादू?

डायरेक्टर कबीर खान का भी एक अलग जादू है. खोखले इमोशन की जगह कबीर खान एक्शन के जरिए भावनाओं की एक अलग दुनिया में ले जाते हैं. इससे पहले कबीर खान ‘बजरंगी भाईजान’ (Bajrangi Bhaijaan) और ‘एक था टाइगर’ (Ek Tha Tiger) जैसी सुपरहिट फिल्मों से साबित कर चुके हैं. अब चंदू चैंपियन की कहानी भी कबीर खान के हाथ में हैं. कहानी में दमदार ट्विस्ट और टर्न्स हैं.

कहानी एक 1944 में महाराष्ट्र के सांगली गांव में पैदा हुए एक ऐसे फौजी ‘मुरलीकांत पाटेकर’ की जिंदगी की यात्रा पर ले जाएगी. जिसने बचपन में कुश्ती खेली और खूब गांव के सबसे बढ़िया पहलवान बने. इसके बाद 18 साल की उम्र में भारतीय फौज में भर्ती होकर अपने देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी अपने कंधों पर संभाली. 21 साल की उम्र में मुरलीकांत ने 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में दुश्मनों के छक्के छुड़ाए. इसी युद्ध में दुश्मन की 9 गोलियों से शरीर छलनी हो गया. इतना ही नहीं इसी युद्ध में एक ट्रक उनके पैरों से गुजर गया.

होश खोया लेकिन बरकरार रहा जोश

मुरलीकांत पाटेकर ने होश खो दिया लेकिन जोश बरकरार रहा. 9 गोलियों से छलनी शरीर को साथी फौजियों ने अस्पताल में भर्ती कराया. यहां इलाज किया गया, याद्दाश्त भी खो बैठे. लेकिन इलाज के दौरान एक दिन बैड से गिर पड़े और याद्दाश्त वापस आ गई. लेकिन 9 गोलियां शरीर में झेलने के बाद भी इस फौजी ने काल की आंखों में आंखें डालीं और मरने से इंकार कर दिया. वापस सब ठीक हुआ लेकिन शरीर का निचला धड़ काम नहीं करता था.

इसके बाद घर वापस लौट आए. यहां टाटा की कंपनी में नौकरी करने लगे और 30 साल काम किया. इससे पहले 1972 में मुरलीकांत ने पैरालम्पिक में भारत को पहला स्वर्ण पदक जिताया. तैराकी में मुरलीकांत ने 37.33 सेकेंड में जीत हासिल कर भारत का नाम रोशन किया. 2018 में भारत सरकार ने मुरलीकांत पाटेकर को ‘पद्मश्री अवॉर्ड’ से सम्मानित किया है. अब मुरलीकांत पाटेकर की जिंदगी पर बनी फिल्म चंदू चैंपियन 14 जून को रिलीज हो रही है. कार्तिक आर्यन के लिए भी ये बड़ा मौका है. फिल्म को साजिद नाडियाडवाला प्रोड्यूस कर रहे हैं.

Tags: Kabir Khan, Kartik aaryan

chandu champion, chandu champion kartik aaryan, kartik aaryan can break his 2 years flop streak in his career with chandu champion, chandu champion real story, murlikant petkar the real chandu champion who is going to break kartik aryan 2 years flop streak, chandu champion real life story of murlikant petkar, murlikant petkar the real story of chandu chamion, chandu champion real life story of murlikant petkar who won gold after got shot 9 times, murlikant petkar real story

Source link

Loading