भारत का पहला महिला बैंड, जहां म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट नहीं… चिमटे और बेलन से…

2024-03-04 10:51:21

मनमोहन सेजू/बाड़मेर. बैंड का नाम सुनते ही हमारे जेहन में सिर्फ पुरुष कलाकारों की तस्वीर उभरती है. लेकिन ‘मेरी जिंदगी’ नाम का एक महिला रॉक बैंड इस धारणा को बदल रहा है. यह बैंड न सिर्फ अपने दमदार संगीत से लोगों को मंत्रमुग्ध कर रहा है, बल्कि महिलाओं के बीच जागरूकता फैलाने का काम भी कर रहा है.

यह बैंड पश्चिम राजस्थान के बाड़मेर जिले से है. 5 महिला सदस्यों का यह बैंड अपने गीतों के माध्यम से महिला शिक्षा, कन्या भ्रूण हत्या और अन्य सामाजिक मुद्दों पर प्रकाश डालता है. बैंड की शुरुआत लखनऊ निवासी डॉ. जया तिवारी ने 2010 में की थी. डॉ. जया पहले ही कई लड़कियों को शिक्षित करने की जिम्मेदारी ले चुकी हैं और 50 से अधिक शहरों में 550 से अधिक संगीत कार्यक्रमों में प्रदर्शन कर चुकी हैं. ‘मेरी जिंदगी’ बैंड की खास बात यह है कि यह धुन बनाने के लिए रसोई के सामान जैसे चिमटा, बेलन, ओखल आदि का उपयोग करता है. डॉ. जया का कहना है कि यह घरेलू महिलाओं को प्रेरित करने के लिए किया जाता है.

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समाज के लिए आईना
यह बैंड लगातार देशभर में प्रस्तुतियां दे रहा है. बैंड के सदस्यों में डॉ. जया तिवारी, पूर्वी मालवीय, निहारिका दुबे, मेघना श्रीवास्तव और सौभाग्य दीक्षित शामिल हैं. डॉ. जया का कहना है कि मनोरंजन के लिए हजारों बैंड हैं, जो फिल्मी गाने गाते हैं, लेकिन ‘मेरी जिंदगी’ एक इंफोटेनमेंट बैंड है जो समाज में हो रही घटनाओं का आईना है. यह बैंड महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है और यह दर्शाता है कि महिलाएं भी रॉक संगीत में अपना नाम कमा सकती हैं.

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