धोनी पर करियर बर्बाद करने के आरोप सही? क्या सच में नहीं मिले तिवारी को मौके

2024-02-20 12:16:23

नई दिल्ली. बंगाल के क्रिकेटर मनोज तिवारी ने एमएस धोनी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. मनोज तिवारी (Manoj Tiwary) ने एक तरह से तत्कालीन कप्तान एमएस धोनी पर उनका करियर बर्बाद करने का आरोप लगाया है. वे कहते हैं कि धोनी ने उन्हें शतक लगाने के बावजूद ड्रॉप कर दिया था. अगर ऐसा नहीं होता तो वे भी आज विराट कोहली या रोहित शर्मा जैसे कामयाब क्रिकेटरों में गिने जाते. मनोज कहते हैं कि जब वे एमएस धोनी (MS Dhoni) से मिलेंगे तो यह सवाल जरूर पूछेंगे कि उन्हें क्यों ड्रॉप किया गया था. अब जब मिलेंगे तब पूछेंगे… धोनी जवाब देंगे या नहीं… कौन जाने? लेकिन हम इससे पहले उस दौर की भारतीय क्रिकेट और आंकड़ों के माध्यम से जानने की कोशिश कर सकते हैं कि क्या सच में मनोज तिवारी के साथ अन्याय हुआ था.

बंगाल के मनोज तिवारी (Manoj Tiwary) जिस शतक की बात कर रहे हैं, वह 11 दिसंबर 2011 की बात है. यह साल 2011 का भारत का आखिरी वनडे मैच भी था. वेस्टइंडीज के खिलाफ चेन्नई में खेले गए इस मुकाबले में मनोज तिवारी ने 104 रन बनाए थे. भारत यह मुकाबला 34 रन से जीता था. यहां यह बताना जरूरी है कि भारत ने इस मैच में कप्तान एमएस धोनी, सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग को रेस्ट दिया था. मैच में भारत की कप्तानी गौतम गंभीर कर रहे थे. प्लेइंग इलेवन कुछ इस तरह थी- गौतम गंभीर (कप्तान), अजिंक्य रहाणे, पार्थिव पटेल, मनोज तिवारी, विराट कोहली, रोहित शर्मा, सुरेश रैना, इरफान पठान, रवींद्र जडेजा, अभिमन्यु मिथुन और राहुल शर्मा.

भारत ने 11 दिसंबर 2011 के बाद अगला वनडे मैच 5 फरवरी 2012 को मेलबर्न में खेला. इस बीच भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज खेली गई, जिसमें धोनी, सचिन, सहवाग की वापसी हो चुकी थी. 5 फरवरी को खेले गए वनडे मुकाबले में भारत को ऑस्ट्रेलिया के हाथों 65 रन से हार का सामना करना पड़ा. इस मैच में भारत की प्लेइंग इलेवन ऐसी थी- गौतम गंभीर, सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, रोहित शर्मा, सुरेश रैना, एमएस धोनी (कप्तान), रवींद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन, प्रवीण कुमार और विनय कुमार.

इन दोनों मुकाबलों में उतरी भारतीय टीम में अंतर साफ है. फरवरी 2012 में सचिन तेंदुलकर और धोनी टीम में लौट चुके हैं. प्लेइंग कॉम्बिनेशन में भी एक अंतर यह है कि गंभीर की कप्तानी में 11 दिसंबर को उतरी टीम में छह स्पेशलिस्ट बैटर थे. धोनी जब अपनी प्लेइंग इलेवन बनाते हैं तो स्पेशलिस्ट बैटर 5 ही चुनते हैं. इस तरह जब सचिन तेंदुलकर टीम में लौटते हैं तो एक नहीं दो स्पेशलिस्ट बैटर बाहर होते हैं- अजिंक्य रहाणे और मनोज तिवारी.

मेलबर्न में खेले गए जिस वनडे मैच से मनोज तिवारी खुद को ड्रॉप करने की बात कर रहे हैं, उसमें प्लेइंग इलेवन में उनका मुकाबला रोहित शर्मा और विराट कोहली से था. क्योंकि सचिन, गंभीर और सुरेश रैना तब तक स्थापित प्लेयर थे और लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे. यानी कप्तान धोनी को कोहली, रोहित और मनोज तिवारी में से कोई दो खिलाड़ी चुनने थे. कप्तान धोनी ने कोहली और रोहित को चुना. क्या यह कोई पक्षपात था? कम से कम आंकड़े ऐसा बिलकुल नहीं कहते.

दरअसल, मनोज तिवारी सिर्फ अपने शतक की बात करते हैं, जो अधूरी है. सच यह है कि भारत और वेस्टइंडीज सीरीज के जिस वनडे मैच (पांचवां) में उन्हें मौका मिला था, वह वीरेंद्र सहवाग को रेस्ट देने की वजह से था. सहवाग ने एक मैच पहले ही दोहरा शतक बनाया था. सीरीज भारत जीत चुका था. ऐसे में कप्तान गौतम गंभीर ने एक युवा खिलाड़ी को मौका दिया. जबकि रोहित शर्मा और विराट कोहली उस सीरीज के पांचों मैच में खेले थे. रोहित के उस सीरीज में स्कोर 72, 90 (नाबाद), 95, 27, 21 रन थे. इस सीरीज से पहले के छह मैच में रोहित के 3 अर्धशतक (2 नाबाद) थे. जबकि विराट ने उस सीरीज में 3, 117, 20, 23 (नाबाद), 80 रन बनाए थे. विराट इस सीरीज से ठीक पहले सितंबर-अक्टूबर में इंग्लैंड के खिलाफ दो शतक लगा चुके थे.

ऐसे में मनोज तिवारी का अपने शतक को यादकर भावुक होना तो ठीक है. लेकिन किसी कप्तान पर आरोप लगाना ठीक नहीं. बहुत संभव है कि अगर धोनी की जगह खुद मनोज तिवारी कप्तान होते और उनके सामने ऐसे तीन खिलाड़ियों में से किसी एक को ड्रॉप करने का मौका होता तो वह भी शायद वही निर्णय लेते तो धोनी ने लिया.

एक और बात मनोज तिवारी अपने शतक की बात तो सबको याद दिलाते हैं लेकिन यह नहीं बताते कि उन्हें ड्रॉप करने के बाद कम से कम तीन बार अलग-अलग सीरीज (2012, 2014, 2015 ) में टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका मिला. लेकिन वे फायदा नहीं उठा पाए. अपने आखिरी तीन वनडे मैच में तो वे सिर्फ 34 रन बना पाए. वह भी जिम्बाब्वे जैसी कमजोर टीम के खिलाफ. साल 2015 के इसी खराब प्रदर्शन ने उनके लिए टीम इंडिया का दरवाजा बंद किया था.

मनोज तिवारी अब क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं. उन्होंने 12 वनडे मैचों में भारत के लिए 26.09 के साधारण औसत से 287 रन बनाए, जिसमें एक शतक शामिल है. इसी तरह भारत के लिए उन्होंने 3 टी20 मैच खेले और इनमें सिर्फ 15 रन बना पाए. इसके मुकाबले घरेलू क्रिकेट में उनका प्रदर्शन कहीं शानदार है. उन्होंने 148 प्रथमश्रेणी मैच में 47.86 की औसत से 10195 रन बनाए हैं. लिस्ट ए में उनका प्रदर्शन 169 मैच में 42.28 की औसत से 5581 रन रहा.

Tags: Manoj tiwary, Ms dhoni, Rohit sharma, Virat Kohli

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