2024-02-08 02:46:11
नई दिल्ली. टेस्ट क्रिकेट को किसी भी बैटर के ‘धैर्य का टेस्ट’ माना जाता है. इस फॉर्मेट में ओवरों की समयसीमा नहीं होती, ऐसे में बैटर के पास बड़ा स्कोर बनाने और लंबी पारी खेलने के लिए खूब वक्त होता है. क्रिकेट के सबसे पुराने इस फॉर्मेट में बैटर सिंगल-डबल लेकर या चौका लगाकर स्कोर को आगे बढ़ाते थे. उस दौर में ज्यादातर कोचेस का फोकस भी कॉपी बुक स्टाइल में शॉट खेलने पर होता था. ऐसे में जब कोई बैटर हवा में शॉट खेलता था तो कई बार उसे कोच की डांट का सामना करना पड़ता था.
वनडे और फिर टी20 क्रिकेट के लोकप्रियता हासिल करने के बाद इस परंपरागत सोच में बदलाव आया है. टेस्ट क्रिकेट में भी अब इनोवेटिव शॉट खेले जा रहे हैं. चौकों और छक्कों की संख्या बढ़ने के कारण न सिर्फ पांच दिन के क्रिकेट को देखने वाले दर्शकों की संख्या बढ़ी है बल्कि मैचों का परिणाम भी आने लगा है. वैसे टेस्ट क्रिकेट की पुरानी सोच पर कायम करते हुए ऐसे बैट्समैन भी रहे हैं जिन्होंने पांच दिन के क्रिकेट में कभी छक्का नहीं लगाया. इन बैटरों में तो कुछ ऐसे हैं जिन्होंने पांच से ज्यादा शतक बनाए, रनों का अंबार लगाया लेकिन क्रिकेट के सबसे पुराने फॉर्मेट में कभी 6 नहीं लगाया.
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ऐसे बैटर जो टेस्ट में पांच से अधिक शतक लगाने के बावजूद कभी छक्का नहीं लगा सके..
इंग्लैंड के जोनाथन ट्रॉट के नाम हैं 9 टेस्ट शतक
टेस्ट क्रिकेट में छक्का नहीं लगाने वाले बैटरों की सूची में सबसे प्रमुख नाम इंग्लैंड के जोनाथन ट्रॉट (Jonathan Trott) का है. दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन शहर में जन्मे लेकिन इंग्लैंड के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने वाले ट्रॉट ने 2009 से 2013 के बीच 52 टेस्ट खेले. टेस्ट में उन्होंने 44.08 के बेहतरीन औसत से 3835 रन बनाए जिसमें 9 शतक शामिल रहे. ट्रॉट ने टेस्ट क्रिकेट के दो दोहरे शतक भी बनाए लेकिन कोई छक्का इनके नाम पर दर्ज नहीं है. इंग्लैंड के इस बैटर ने 68 वनडे और सात टी20I भी खेले लेकिन इन दोनों फॉर्मेट में भी उन्होंने तीन-तीन छक्के ही लगाए. हवा में शॉट खेलना ट्रॉट के खेलशैली का हिस्सा नहीं था और वे ग्राउंडेड शॉट लगाकर ही स्कोर बढ़ाते थे.
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भारत के विजय मांजरेकर ने लगाए थे 7 शतक
भारत के विजय मांजरेकर (Vijay Manjrekar) का नाम भी इस सूची में शामिल है. वर्ष 1951 से 1965 के बीच मांजरेकर ने 55 टेस्ट खेलते हुए सात शतकों की मदद से 3208 रन बनाए और उनका औसत 39.12 का रहा. अपने समय के भारत के बेहतरीन मिडिल ऑर्डर बैटरों में से एक, मांजरेकर का सर्वोच्च स्कोर नाबाद 189 रन है जो उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ वर्ष 1961 में बनाया था. 150 रन से अधिक के दो स्कोर मांजरेकर के नाम पर हैं लेकिन टेस्ट क्रिकेट में कोई भी छक्का उन्होंने नही लगाया.
पोंसफोर्ड का टॉप स्कोर 266 रन लेकिन..
ऑस्ट्रेलिया के बिल पोंसफोर्ड (Bill Ponsford) ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 29 टेस्ट में 48.22 के औसत से 2122 रन बनाए हैं, इसमें सात शतक शामिल रहे. 266 रन पोंसफोर्ड का सर्वोच्च स्कोर रहा जो उन्होंने वर्ष 1934 में इंग्लैंड के खिलाफ बनाया था.पोंसफोर्ड ने भी टेस्ट क्रिकेट में कोई छक्का नहीं लगाया.
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टर्नर ने जड़े दो दोहरे शतक लेकिन नहीं लगा सके छक्का
न्यूजीलैंड के ग्लेन टर्नर (Glenn Turner) की गिनती भी दुनिया के बेहतरीन बैटरों में की जाती है. 41 टेस्ट खेलने वाले टर्नर तीन वर्ल्डकप (1975, 1979 और 1983) की कीवी टीम का भी हिस्सा रहे हैं. टेस्ट क्रिकेट के रिकॉर्ड की बात करें तो टर्नर के नाम पर 44.64 के औसत से 2991 दर्ज हैं जिसमें सात सैकड़े शामिल हैं. दो दोहरे शतक (259 और 223*) बनाने वाले टर्नर ने भी टेस्ट क्रिकेट में कोई छक्का नहीं लगाया है.
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विल वुडफुल भी कभी नहीं लगा पाए छक्का
ऑस्ट्रेलिया के बिल वुडफुल (Bill Woodfull) भी इस खास क्लब में शामिल हैं, दाएं हाथ के बल्लेबाज वुडफुल ने 1926 से 1934 के बीच 46.00 के औसत से 2300 रन बनाए जिसमें सात शतक शामिल रहे. 166 रन ऑस्ट्रेलिया के इस धाकड़ बैटर का टॉप स्कोर रहा लेकिन टेस्ट क्रिकेट में कोई छक्का उन्होंने नहीं लगाया.
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Tags: Cricket, Test cricket
FIRST PUBLISHED : February 8, 2024, 08:16 IST
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